Friday, March 27, 2020

बदलते पल ( कविता )

Speaking Bird (Bolti Chidiya)

कुछ नया कुछ खुला आसमान मिल गया ,
हवा की ताजगी एक नया पैगाम मिल गया !

प्रकृति आज खुली सांस ले रही है ,
शायद उसको भी आज आराम मिल मिल गया !

चिडियो की ध्वनि में एक अलग सी मुस्कहरात है ,
शायद उनको भी एक नया मकान मिल गया !

कुछ तो कमी थी इस जीवन में ,
आज उसका आभास हुआ एहसास हुआ !
चले फिर अपनी गलतियों को सुधारने ,
जिसका आज हमको इतना दुखद परिणाम मिल गया !

जिनको हम पिंजरे में बंद कर देते थे ,
आज वो हुम्हे बंद करके आस्मां में उड़ चले !!!

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Poet
Akshay Gupta

Tags: Hindi , कविता, बदलते पल

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