Thursday, May 21, 2020

गरीब की जुबानी - (कविता)

Speaking Bird (Bolti Chidiya)

सहम गए है इस मंज़र में 
जाने कितना खौफ है 

थम गए है सारे रस्ते 
हमारा क्या दोष है 

कहानी जीवन की क्या में बताऊ तुमको 
केवल संगर्ष के ही बादल है

कभी कभी समज ही नहीं पाता 
इस जीवन की क्या परिभाषा है 

सपने देखना कबका छोड़ चूका हु मै 
बस इस जीवन की नौका पार लगानी है 

दो वक़्त की रोटी मिल जाए 
बस एहि हमारी कहानी है 

एहि हमारी कहानी है 
इस गरीब की जुबानी है     

कवी 
अक्षय गुप्ता 

Tags: Hindi, कवितागरीब की जुबानी 

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